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गढ़वाल भ्रातृ मंडल ने आयोजित किया तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव, उत्तराखंड के कई लोकगायकों ने दी प्रस्तुति

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मुंबई: मुंबई में उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में कार्यरत 95 वर्ष पुरानी संस्था, गढ़वाल भ्रातृ मंडल प्रतिवर्ष त्रिदिवसीय उत्तराखंड महोत्सव का आयोजन करती है। इसी के तहत इस वर्ष भी मंडल ने दिनांक 26, 27 एवं 28 जनवरी 2024 को मुंबई के कांदिवली पूर्व स्थित ठाकुर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रांगण में त्रिदिवसीय रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया।
इस महोत्सव में संगीता ढौंडियाल, गजेंद्र राणा, किशन महिपाल, अमित सागर, इंदर आर्य आदि गायकों ने अपने सुरों के साथ तथा श्वेता महारा के नृत्य ने लोगों को थिरकने हेतु विवश कर दिया । मंडल के अध्यक्ष रमन मोहन कुकरेती ने बताया कि इस वर्ष के महोत्सव में जिस प्रकार से लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, उससे लगता है कि भविष्य में हमें कोई और बड़ा प्रांगण चुनना होगा । समारोह में उत्तराखंड के शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ॰ धन सिंह रावत व विधायक हरीश धामी सहित कई गणमान्य अतिथियों ने आकर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की । माननीय शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ॰ धन सिंह रावत जी ने शुभाशीर्वाद देते हुए कहा कि चूंकि यह सांस्कृतिक मंच है, इसलिए मैं माननीय नरेंद्र सिंह नेगी जी के होते हुए अपना भाषण नहीं दूँगा और यह कहते हुए उन्होंने अपना माइक नेगी जी को सौंप दिया ।
नरेंद्र सिंह नेगी ने किया जनमानस को निराश …
हालांकि नरेंद्र सिंह नेगी अतिथि के रूप में उपस्थित थे, परंतु उनकी यह बात उत्तराखंडी समाज को बहुत अखरी कि संचालक के अनुरोध करने तथा लोगों की मांग के बाद भी आदरणीय नरेंद्र सिंह नेगी जी ने जनसमूह के समक्ष दो लाइन गाना भी उचित नहीं समझा । बस उन्होंने अतिथि के रूप में अपना आशीर्वाद अवश्य दिया, लेकिन लोगों की भावनाओं का सम्मान नहीं किया ।
लोक परिवेश की अवहेलना …
महोत्सव में एक ओर जहां ढ़ोल, दमाऊ व मशकबीन तथा उत्तराखंडी खाद्य पदार्थों एवं परिधानों से पंडाल सजा हुआ था, वहीं दूसरी ओर यह भी देखने में आया कि लोक संस्कृति के वाहक हमारे लगभग सभी लोक गायक अपने लोक परिवेश को अपनाने की अपेक्षा जींस पैंट पहनकर डाण्ड्यौ कांठियों के गीत गाते रहे । जब लोक-संस्कृति के वाहक ही लोकतत्वों से विमुख होने लगेंगे, तो फिर हमारे लोक-उत्सव भी केवल मनोरंजन के साधन ही रह जाएंगे ।
इस समारोह को सफल बनाने में महासचिव मनोज द्विवेदी सहित गणेश नौटियाल, मोर सिंह, पुरुषोत्तम नेगी, राम सिंह घटाल, श्रीमती सरोज ममगाई, रमेश बलोदी, प्रदीप रावत, मनोज सती, कीर्ति सिंह रावत, सत्या आर्य, दयाकृष्ण शर्मा व आशुतोष रतूड़ी सहित कई कार्यकर्ताओं ने अपना सक्रिय योगदान दिया।
इस समारोह में मुंबई के गणमान्य लोगों में से डॉ. राजेश्वर उनियाल, ममता भट्ट, आरुषि निशंक, विजया पंत तुली, बहादुर सिंह बिष्ट, हयात सिंह राजपूत, महेश भट्ट, शंकर सिंह रावत, जयानंद सेमवाल शास्त्री, एलएन बहुगुणा, बुद्धि प्रसाद देवली व ललित बिष्ट सहित कई लोग उपस्थित रहे। मंच संचालन का भार सुरेंद्र भट्ट, श्री धनंजय रावत व प्रवृत्ति चंद ने संभाला । ज्ञात हो कि मंडल 4 वर्ष बाद अपना शतकीय समारोह आयोजित करेगा। प्रस्तुति – डा. राजेश्वर उनियाल, मुंबई

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