श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सचिवालय/विधानसभा में जनप्रतिनिधियों एवं आमजन को प्रवेश पत्र (पास) जारी करने के मामले में मंत्रियों/मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बावजूद पुलिस/अभिसूचना रिपोर्ट जरूरी है तथा कोई भी मुकदमा प्रवेश पत्र हासिल करने वाले पर दर्ज नहीं होना चाहिए, चाहे जनहित हेतु किए गए संघर्षों के मामले में मुकदमें दर्ज हों ,लेकिन, वहीं दूसरी ओर गंभीर से गंभीर अपराधों में लिप्त विधायकों, जिन पर दुराचार, हत्या का प्रयास, मारपीट, चोरी- चकारी, जालसाजी, फर्जी डिग्री हासिल करने, घर में घुसकर मारपीट, बलवा, एससी-एसटी का उत्पीड़न आदि के मामले दर्ज हैं,उनको विधानसभा/सचिवालय में प्रवेश पत्र (पास) जारी हो जाते हैं। विधायकों को विधायकी परिचय पत्र के आधार पर विधानसभा सचिवालय प्रवेश पत्र के रूप में मान्य है। नेगी ने कहा कि इन दागी विधायकों के प्रवेश पत्र (पास) के मामले में विधानसभा सचिवालय तंत्र कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है यानी अब बगलें झांक रहे हैं तथा अब गृह विभाग की तरफ गेंद सरका रहे हैं। नेगी ने कहा कि विधायकों और आमजन/ अन्य जनप्रतिनिधियों में इस प्रकार का भेदभाव निश्चित तौर पर चिंताजनक है तथा यह सवालिया निशान खड़ा करता है। मोर्चा शीघ्र ही इस मामले को सरकार के समक्ष रखेगा। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद थे।