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15वें वित्त आयोग का पैसा खर्च ना होने पर महाराज ने लगाई अधिकारियों की क्लास

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देहरादून। सभी जनपदों के पंचायत अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को हिदायत दी जाती है कि जो 15वें वित्त आयोग की धनराशि को खर्च नहीं करेगा उन्हें दंडित किया जाएगा और जो पैसा खर्च कर रहे हैं उन को पुरस्कृत किया जाएगा। उक्त बात प्रदेश के पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को सहस्त्रधारा रोड स्थित पंचायत निदेशालय सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में 15वें वित्त आयोग का पैसा खर्च ना होने पर चिंता व्यक्त करते हुए वर्चुअल जुड़े विकासखंड, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कही। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी हो गया है कि हम आपको हिदायत दें कि जो अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि बार-बार कहने के बाद भी पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाये। हम इसके लिए बाध्य हैं कि विकास कार्यों पर पैसा शत प्रतिशत खर्च हो ताकि केंद्र सरकार को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देकर प्रदेश के विकास के लिए और पैसा मिल सके।

पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने 15वें वित्त आयोग द्वारा पंचायतों को स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचय एवं जल पुनर्चक्रण के तहत मूल अनुदान (Untied Fund) और आबद्ध अनुदान (Tied Fund) में मिली धनराशि के खर्च ना होने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए धनराशि को समय से खर्च करने की चेतावनी दी है। उन्होंने आबद्ध अनुदान (Tied Fund) की धनराशि खर्च न करने पर रेड जोन मैं आए जिला पंचायत नैनीताल, जिला पंचायत रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, रुद्रप्रयाग एवं टिहरी आदि जनपदों के ब्लॉक पंचायतों के साथ-साथ जनपद चंपावत स्थित ग्राम पंचायतों में पैसा खर्च ना होने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

 

 

इतना ही नहीं श्री महाराज ने मूल अनुदान (Untied Fund) के तहत जिला पंचायत हरिद्वार जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के साथ-साथ जनपद नैनीताल और रुद्रप्रयाग के रेड जोन में आए ब्लॉक पंचायतों के अधिकारियों को भी पैसा खर्च ना होने पर जमकर लताड़ लगाई। पंचायत मंत्री श्री महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चाहते हैं कि पैसा पूरा खर्च होना चाहिए क्योंकि विकास कार्यों के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने जिला पंचायत, विकासखंड, ग्राम पंचायत अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आबद्ध अनुदान (Tied Fund) की बकाया धनराशि 238 करोड़ और मूल अनुदान (Untied Fund) की बकाया राशि 129 करोड़ रुपये यदि समय से खर्च नहीं किए गए और कार्यों में गुणवत्ता न पाई गई तो इसके लिए अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी।बैठक में देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवान, अल्मोड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष उमा सिंह, ब्लाक प्रमुख कालसी, पंचायतीराज निदेशक आनंद स्वरूप, अपर निदेशक मनोज कुमार तिवारी, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी एवं हिमानी जोशी सहित जिला, विकासखंड एवं ग्राम पंचायत स्तर के अनेक अधिकारियों ने वर्चुअल शामिल होकर प्रतिभाग किया।

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