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धामी कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में विभिन्न विभागों के कई प्रस्तावों पर फैसला लिया गया। विभिन्न विभागों में सहायक अभियंताओं को वाहन भत्ता अनुमन्य करने पर मुहर लगी। 4000 रुपये प्रति माह मिलेगा। पुराने वाहन भत्ते में संशोधन होगा, अब यह 1200 से 4000 तक किया गया। पहले 200 से 2700 तक था। चाइल्ड केअर लीव में पहले 365 तक शत प्रतिशत वेतन था। उसके बाद 80 प्रतिशत था। अब तीसरे साल में भी 100 प्रतिशत मिलेगा। व्यक्तिगत सहायक में पदोन्नति के लिए 4800 का नया ग्रेड होगा। व्यवसाय श्रम विधेयक 2020 में पास हुआ था। इसे केंद्र को भेजा गया था। भारत सरकार ने कहा कि इसे वापस लिया जाए, इसलिए राज्य का वापस होगा। खनन नियमावली में संशोधन। वीडियोग्राफी भी होगी ताकि ज्यादा गहरा खनन न हो। खनन के ढांचे को लेकर सात अतिरिक्त पदों को स्वीकृति मिली। छह डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर और एक डीजी के लिए पीएस का पद। हर जिले में एक ऑफिसर होगा। पुरानी जेल परिसर देहरादून में बार एसोसिएशन को 30 साल के लिए पांच बीघा जमीन दी गई हैं। एक रुपया प्रतिवर्ष पर। चुनाव से पहले एक बच्चा और जीत के बाद जुड़वां होने पर अयोग्य नहीं होगा।
परिवहन मंत्रालय का रीजनल ऑफिस बनाने को 0.026 हेक्टेयर जमीन पुलिया नंबर छह पर निशुल्क दी जाएगी। पशु चिकित्सा अधिकारी की नियमावली में संशोधन किया गया है। जलाशयों की बोली पिछली नियमावली में पांच साल थी, जो अब 10 साल के लिए होगी। मत्स्य पालन के लिए। खिलाड़ियों के लिए चार क्षैतिज आरक्षण को सरकार विधेयक लाएगी। साहसिक पर्यटन में अहर्ता में शिथिलता प्रदान की गई है। कुछ पदों पर भर्ती आसान। विषय विशेषज्ञ की अहर्ता बदली। उत्तरकाशी में जादों गांव में 1962 कई लड़ाई में आर्मी आई थी। वह वाइब्रेंट विलेज की सूची में भी है। वहां के मूल निवासी के लिए होम स्टे की विशेष योजना। इसमें ज्यादा सरकारी मदद मिलेगी। 100 प्रतिशत तक फंडिंग। लखवाड़ व्यासी जैसे डैम में अब स्थानीय लोग 10 लाख तक के काम लोकल सोसाइटी बनाकर कर सकते हैं। पहले 5 लाख था। कांस्टेबल की सेवा नियमावली में एकरूपता लाई जाएगी। उत्तराखंड में गन्ना मूल्य पिछले साल से 20 रुपये ज्यादा। ओबीसी के एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की समय सीमा 1 जनवरी 2025 तक बढ़ाई गई। हाउस ऑफ हिमालयाज सरकार भी एक कंपनी बनाएगी। प्राइवेट कंपनी मार्केटिंग करेगी। सरकार अपने काम इस कंपनी से ही करेगी। सैद्धान्तिक सहमति। आबकारी नीति पर हुई चर्चा, लेकिन इस पर अभी और विचार होगा।

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