विकासनगर। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी विकास शर्मा एवं ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड एनवायरनमेंट के अध्यक्ष भास्कर चुग ने मीडिया को जारी एक बयान में उत्तराखंड जल विद्युत निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। उन्होंने कहा कि अभी शक्ति नहर के क्लोजर को संपूर्ण हुए पूरा एक वर्ष भी नहीं बीता की फिर से शक्ति नहर का पूरा पानी सुखा दिया गया है और ऐसा लगता है कि एक बार फिर से क्लोजर ले लिया गया है स पूर्व में लिए गए क्लोजर में अनेक प्रकार की अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे जिनमें घटिया सामग्री का प्रयोग, साइड वालों की रिपेयरिंग सही तरीके से नहीं होना, नहर की बेड का निर्माण न होना एवं अन्य भी कई प्रकार के प्रश्न उठाए गए थे और उक्त के संदर्भ में मुख्यमंत्री से शिकायत भी की गई थी जिसकी जांच वर्तमान में गतिमान बताई जाती है स दुर्भाग्यपूर्ण रूप से कई करोड़ रुपये पूर्व में हुए क्लोजर में निगम द्वारा खर्च किए जाने के बावजूद पहले ही बरसात में ढकरानी स्थित सीजेएम कोर्ट के नजदीक के एरिया में शक्ति नहर की साइड वॉल बहुत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसको उसे वक्त रेट के कट्टे आदि लगाकर रोका गया और जब वर्तमान में नहर का पानी खत्म किया गया तो स्पष्ट नजर आने लगा है की साइड वॉल किस तरह से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है पर किस तरह से पूर्व में हुए क्लोजर में ठेकेदारों तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है
उन्होंने एक वर्ष बीतने से पूर्व ही दोबारा क्लोजर लिए जाने पर भी प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि अब जिस कार्य हेतु क्लोजर लिया जा रहा है उसे कार्य को पूर्व में हुए क्लोजर में पूर्ण क्यों नहीं किया गया? गर्मियों के इस मौसम में जब विद्युत उत्पादन का पीक टाइम होता है पहले तो 1 वर्ष पूर्व भी इस समय में क्लोजर लिया गया और अब दोबारा भी इसी महत्वपूर्ण विद्युत उत्पादन के समय क्लोजर लिया गया जिसका सीधा असर बिजली के उत्पादन पर पड़ेगा और इसका सीधा नुकसान प्रदेश की जनता को होना निश्चित है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की की प्रकरण की सीबीआई से जांच कारण तथा दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करें क्योंकि अब तो यह स्पष्ट हो चुका है की क्लोजर में सिर्फ और सिर्फ गाल मेल किया गया और नहर की हालात पूरी तरह से आज भी खराब है।