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आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने आम नागरिक के जीवन में मूलभूत बदलाव कियाः सीएम  

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      मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सीमान्त जनपद चंपावत को मॉडल जनपद के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में ‘‘सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम’’ का शुभारम्भ किया। उल्लेखनीय है कि एसबीआई फाउण्डेशन, हैस्को तथा यू कॉस्ट के सम्मिलित प्रयासों से ‘‘सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम’’ तहत राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से  आजीविका, स्वरोजगार के अवसरों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम के तहत 10 सीमावर्ती गांवों  में वहां की आर्थिकी और पारिस्थितिकी के साथ ही आपदाओं की चुनौतियों को भी समझते हुए यहां के स्थानीय  जन-समुदाय को सबल आजीविका के साथ तैयार किया जाएगा। यूकॉस्ट द्वारा जानकारी दी गई कि राज्य के प्रतिष्ठित साइंस कांग्रेस को आगामी वर्ष 10-11 फरवरी को ’ग्राम्य विज्ञान सम्मेलन‘ के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड राज्य में पहली बार ’अन्तराष्ट्रीय आपदा सम्मेलन‘ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश-दुनिया के सैकड़ों प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीमावर्ती गांव हमारे लिए अमूल्य हैं, ये मात्र हमारे सीमान्त प्रहरी नहीं बल्कि अमूल्य धरोहर भी हैं। सीमान्त क्षेत्र हमारी जड़े हैं, इनकों निरन्तर सिंचित किया जाना चाहिए। गांव और शहरों की असमानता को दूर करके ग्राम आधारित सशक्त आर्थिकी को आधार बनाना ही राज्य सरकार का मूलमंत्र है। हम ’माणा-मुन्स्यारी‘, ’असकोट-आराकोट‘ के सीमान्त क्षेत्रों के गांवों को ’अन्तिम गांवों‘ के स्थान पर माननीय प्रधान मंत्री जी की संकल्पना के अनुरूप ’प्रथम पंक्ति‘ के प्रथम गांवों की तरह विकसित करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। हमनें बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इन्हीं गांवों को एक प्रहरी का रूप भी दिया है जिसे प्रधानमंत्री जी ने अपने स्तर पर गहन चिंतन-मंथन कर इनको आगे बढ़ाने का सकंल्प लिया है। इस अवसर पर हैस्को संस्थापक डा0 अनिल प्रकाश जोशी जी, महानिदेशक, यूकॉस्ट प्रो0 दुर्गेश पंत, संस्थापक, एस0बी0आई0 फाउन्डेशन ललित मोहन, डी0जी0एम0, एस0बी0आई0 राजकुमार सिंह, एस0बी0आई0 जनरल अन्यया मोहन्ती, एस0बी0आई0 जनरल किलफोर्ड डी कोस्टा तथा सीमान्त गांवों से महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य उपस्थित थी।

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