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टीएचडीसी इंडिया ने उपराष्ट्रपति से प्राप्‍त किया स्कोप मेरिटोरियस अवार्ड

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ऋषिकेश। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित विशेष समारोह में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को मानव संसाधन प्रबंधन में उत्कृष्‍ट प्रथाओं के लिए प्रतिष्ठित स्कोप मेरिटोरियस अवार्ड से सम्मानित किया। प्रतिष्ठित स्कोप मेरिटोरियस अवार्ड आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के साथ शैलेन्‍द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक), टीएचडीसीआईएल द्वारा प्राप्‍त किया गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विभिन्न सीपीएसई और भारत सरकार के प्रतिनिधि अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ के समान है। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से देश को विभिन्‍न प्रकार से लाभांवित किया जाता है।
मानव संसाधन प्रथाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, श्री विश्नोई ने प्रतिष्ठित मेरिटोरियस अवार्ड का श्रेय टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अटूट समर्पण और विश्व स्तरीय मानव संसाधन प्रथाओं में अद्वितीय उत्कृष्टता को दिया। उन्होंने संगठनात्मक विकास पर प्रभावी मानव संसाधन के गहरे प्रभाव पर जोर देते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे असाधारण मानव संसाधन प्रबंधन के लिए टीएचडीसी की प्रतिबद्धता इसकी सफलता के पीछे एक प्रेरक शक्ति रही है।

श्री विश्नोई ने कहा कि सतत विकास के लिए मानव संसाधन की भूमिका एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक भागीदार के रूप में परिवर्तित हुई है। टीएचडीसी की इस उपलब्धि का श्रेय कॉर्पोरेट रणनीति के साथ मानव संसाधन रणनीति के सहज संरेखण को दिया जाता है, क्योंकि मानव संसाधन निगम की समग्र सफलता में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में कार्य करता है। यह मान्यता एक गतिशील और सहायक कार्य वातावरण  को बढ़ावा देने के साथ ऊर्जा क्षेत्र में इसकी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण योगदान देकर कंपनी के दृढ़ फोकस के प्रमाण के रूप में कार्य करती है । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया पुरस्कार, असाधारण मानव संसाधन प्रथाओं के प्रति टीएचडीसी की प्रतिबद्धता को मान्यता  प्रदान करता है। श्री विश्नोई ने समर्पित मानव संसाधन टीम की सराहना करते हुए, कहा कि ऐसी उपलब्‍धि प्रत्येक सदस्‍य के अथक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड परिवार के सभी सदस्यों से नैतिक व्यवहार और मानवीय मूल्यों को कायम रखते हुए निष्‍पादन के सर्वोच्च मानकों के साथ काम करने का आग्रह किया। टीएचडीसीआईएल की उल्लेखनीय मानव संसाधन प्रबंधन प्रथाओं की सराहना करते हुए, शैलेन्‍द्र सिंह,  निदेशक(कार्मिक) ने सामाजिक-आर्थिक विकास में कंपनी की विशिष्ट स्थिति पर जोर दिया। उन्होंने प्रतिष्‍ठित सम्मान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह मानव संसाधन के विकास और प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए टीएचडीसी के अटूट समर्पण का प्रतीक है।

शैलेन्‍द्र सिंह ने मानव संसाधन के उत्‍कृष्‍ट प्रसार के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कंपनी की प्रतिबद्धता के बारे में विस्तार से बताया। श्री सिंह ने कहा कि किसी संगठन की सफलता तीन प्रमुख सिद्धांतों पारदर्शिता, निष्पक्षता और ईमानदारी की मजबूत नींव पर निर्भर करती है। इसमें निरंतर प्रक्रिया सुधार, सक्रिय कर्मचारी सहयोग पहल, लक्षित शिक्षण और विकास कार्यक्रम, मजबूत करियर और विकास के अवसरों का प्रावधान और कर्मचारी कल्याण पर सुदृढ़ फोकस शामिल है। श्री सिंह ने इस बात पर  जोर देते हुए कहा कि इस पुरस्कार को प्राप्त करने में टीएचडीसी की सफलता मानव संसाधन प्रथाओं में उत्कृष्टता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
इन सिद्धांतों को आत्‍मसात करते हुए, टीएचडीसी न केवल विद्युत क्षेत्र में अग्रणी उद्यम के रूप में अपनी स्थिति सुदृढ़ करती है, बल्कि अपने मानव संसाधन मानकों को ऊंचा उठाने के इच्छुक अन्य संगठनों के लिए एक आदर्श भी स्थापित करती है, जो अंततः व्यक्तियों और उनके द्वारा सेवा किए जाने वाले समुदायों के समग्र विकास में योगदान देता है। यह पुरस्कार मानव संसाधन प्रबंधन के लिए टीएचडीसी के समग्र दृष्टिकोण के प्रमाण के रूप में कार्य करता है, जो एक ऐसा कार्यस्थल बनाने के लिए कंपनी के समर्पण को दर्शाता है जो प्रतिभा को पोषित करता है, विकास को प्रोत्साहित करता है और समग्र सफलता को प्रेरित करता है। टीएचडीसीआईएल का दृढ़ विश्वास है कि उसका मानव संसाधन सततता के साथ विकास के मार्ग पर चलने  के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व और प्रमुख संसाधन है। कंपनी ने हमेशा प्रतिभा को निखारने के लिए सर्वोत्तम मानव संसाधन पद्धतियों को तैयार और कार्यान्वित किया है। टीएचडीसीआईएल की मानव संसाधन प्रथाएं अद्वितीय हैं और इसके प्रयासों को पहले भी मान्यता दी गई है और कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

 

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