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मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया।

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को जनपद बागेश्वर के विकास खण्ड कपकोट के केदारेश्वर मैदान में आयोजित (चेलि ब्वार्यूं कौतिग) मातृशक्ति उत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।  कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न घाटियों में निर्मित  हस्तशिल्प और हस्तकला उत्पादों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी तांबे के बर्तन में कलाकृतियां एवं रिंगाल की टोकरी भी बनाई। उन्होंने सशक्त मातृशक्ति सशक्त उत्तराखंड के तहत मातृशक्ति का पूजन कर शहीदों की वीरांगनाओं को भी सम्मानित किया। जनपद में साहसिक पर्यटन, आपदा प्रबन्धन गतिविधियों का भी अवलोकन कर मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हुये लाभार्थियों को चेक भी वितरित किए।
मुख्यमंत्री ने बाबा बागनाथ की पावन भूमि के साथ ही चेलि ब्यारयूं कौतिक कार्यक्रम में बडी संख्या में उपस्थित माताओं एवं बहनों को नमन करते हुये कहा कि बागेश्वर जिले हेतु लगभग 100 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास, बागेश्वर जनपद के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने रैली एवं कार्यक्रम में जनता द्वारा दिए गए सम्मान के प्रति भी सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृ शक्ति के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मातृ शक्ति अपने परिवार के साथ ही समाज और प्रदेश हितों का भी ख्याल रखती हैं। मातृ शक्ति के सहयोग से ही समाज या राष्ट्र का संपूर्ण विकास संभव है। परिश्रम और मातृ शक्ति एक दूसरे के पूरक हैं। राष्ट्र की मातृ शक्ति शिक्षित होने से उस राष्ट्र का वर्तमान एवं भविष्य सुरक्षित रहता है। बेटियां अपने ज्ञान से दो-दो घरों को प्रकाशित करती हैं।  भारतीय संस्कृति  में ’’कन्यादान’’ करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है, परंतु हम सभी ’कन्यादान’ से पहले ’विद्यादान’ भी करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में विभिन्न महिला समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉल तथा प्रदर्शित किए उत्पाद, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘’आत्मनिर्भर भारत’‘ के मंत्र को धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे हैं। आज देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं। ’’सुविधा के साथ सुरक्षा भी’’ का सिद्धांत अपनाकर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में गांव-गांव में महिलाओं को घर, शौचालय, गैस, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा गया रहा है, बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी आवश्यक जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से निरंतर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी योजना, नंदा गौरा मातृवंदना योजना और महिला पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। प्रदेश की जनता की जरूरतों एवं हितों के लिये जो भी कदम उठाये जाने होंगे बिना देरी के उठाएं जाएंगे।

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