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मुख्यमंत्री धामी द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया गया

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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया गया। यह विधेयक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पेश किया गया। जय श्रीराम व भारत माता की जयघोष के बीच मुख्यमंत्री सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया। विधेयक के पेश होने के बाद भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी की और सीएम धामी को बधाई दी।
11.25 मिनट पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद यूसीसी विधेयक पर चर्चा जारी है।

संसदीय मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने यूसीसी की खूबियों पर अपनी बात रखनी शुरू की तो विपक्षी नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया है, जिस पर संसदीय मंत्री ने दो पक्तियों में विपक्ष को यह कहकर जवाब दिया…तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन, कमाल है फिर भी तुम्हें यकीन नहीं। संसदीय मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने यूसीसी को लेकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि यूसीसी पर जल्दबाजी की जा रही है। हमने इस पर समय मांगा है।

वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखंउ ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगाः CM धामी

देहरादून। समान नागरिक संहिता पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लाने का जो ‘संकल्प’ प्रकट किया था, उसे आज हम पूरा करने जा रहे हैं। हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। देवभूमि के लिए वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखण्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा।
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समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने से कई कुप्रथाओं का अंत होगाः डा. धन सिंह रावत

देहरादून। समान नागरिक संहिता पर कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि आजादी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक सहिंता लागू करने का बड़ा साहस किया है। यह छोटे राज्य का बड़ा और ऐतिहासिक फैसला है। जिसे पूरी दुनिया देख रही है। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सम्भव हो पाया है। इस ऐतिहासिक विधेयक के कानून बनने से समाज में कई कुप्रथाओं का अंत होगा और एक नये अध्याय का शुभारंभ होगा।

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