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पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी नैया भी पार नहीं लगा सके।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

देहरादून उत्तराखंड  2022 के चुनाव में कहा जा रहा था कि हरीश रावत बहुमत के साथ सदन में मुख्यमंत्री का चेहरा बन सकते हैं लेकिन यह चुनाव है  , जनता है और यही लोकतंत्र है आज ईवीएम ने हरीश रावत की किस्मत , राजनीतिक सफर पर ताला लगा दिया है

Harish Rawat Looses  हरदा को दस हजार से भी ज्यादा वोटों से करारी हार मिली

बुजुर्ग उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल हरीश रावत अब सक्रिय राजनीति में रहेंगे या सन्यास ले कर कोई और भूमिका तय करेंगे यह तो हरीश रावत ही जाने लेकिन जिस तरह से कहा जा रहा था कि प्रदेश में भाजपा को हराकर कांग्रेस सरकार बना देगी लेकिन ऐसा कुछ ना हो सका तो क्या पर्दे के पीछे कोई खेल हुआ ?

Harish Rawat Looses  अपनी सीट नहीं बचा पाए हरीश रावत

 क्या कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भाजपा से फ्रेंडशिप कर ली थी या कोई ऐसी सेटिंग की गई जिसकी वजह से उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में एक नया इतिहास बना और मौजूदा सरकार दोबारा सत्ता में सरकार बनाने जा रही है … इसमें भी कोई दो राय नहीं कि प्रदेश में कांग्रेस खेमे बाजी और गुटबाजी से लड़ती रही है कुछ लोग हरीश रावत को पसंद करते हैं तो बहुत से लोग ना पसंद भी करते हैं ….

Harish Rawat Looses  पूर्व सीएम  रावत अपनी नैया भी पार नहीं लगा सके 
 

अक्सर हरीश रावत ने यह भी कहा कि वह राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हो रहे हैं …उनके साथ जुड़े लोग ही उनके लिए गड्ढे होते हैं ,  बड़ी जिम्मेदारी के साथ हरदा सोशल मीडिया हो या पर पार्टी आलाकमान या देहरादून में पार्टी मुख्यालय ,  यह कहते रहे हैं कि हरीश रावत कई मोर्चों पर लड़ रहे हैं उनके कई ऐसे राजनीतिक दुश्मन है

तोड़फोड़ के अंदेशे को देखते हुए रणनीति बदली
तोड़फोड़ के अंदेशे को देखते हुए रणनीति बदली

अब हरीश रावत क्या करेंगे ? अब हरीश रावत यहां से किधर जाएंगे ? अब हरीश रावत जनता के बीच आएंगे तो क्या कहेंगे ? क्या मांगेंगे और क्या भरोसा देंगे ? 

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