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बनना था सीएम विधायक भी न बन पाए ।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत ।

देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में सीएम पद के दावेदार माने जा रहे तीनों प्रमुख दलों भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी चुनाव हार गये हैं। सबसे हैरत हार पुष्कर सिंह धामी की हुई है, वह अपनी पार्टी को तो जिता गये लेकिन स्वंय हार गये, इससे पहले भाजपा पिछले कार्यकाल में त्रिवेंद्र रावत के बाद तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी कर चुकी थी तब भाजपा का ग्राफ एसा गिर गया था कि यह चर्चा होने लगी कि चुनाव होने पर पार्टी जीत का दहाई आंकड़ा नहीं छू पायेगी, एसे में भाजपा ने युवा पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश की बागडोर सोंपी। धामी ने जिस तरह अपने सात-आठ महिने के कार्यकाल में जिस तरह जमीनी स्तर पर काम किया उससे आज भाजपा फिर प्रचंड बहुमत से जीती है लेकिन धामी की हार से लोगों को भी धक्का लगा है।

वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता और कांग्रेस के सरकार बनने पर मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हरीश रावत स्वंय ही चुनाव हार गये हालांकी कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार की तुलना में अच्छा रहा है। टिकट वितरण में मनमानी एवं खामियों के चलते कांग्रेस को हार का मुह देखना पड़ा, अपसी कलह से भी कांग्रेस कभी उभर नहीं पाई। कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं का जोर पार्टी को जिताने के बजाये हरीश रावत को हराने पर ज्यादा रहा यही वजह है कि न हरीश रावत जीते और न कांग्रेस पार्टी।

आम आदमी पार्टी के घोषित उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल भले ही युद्ध भूमी में वीर योद्धा साबित होते रहे हैं लेकिन चुनावी युद्ध में उनकी रणनीति काम नहीं आ पाई। देहरादून की किसी सीट से लड़ने के बजाये उन्होंने गंगोत्री सीट से लड़ने का जो फेसला लिया वहीं से उनकी राह कठिन हो गई थी। पार्टी का गंगोत्री में कोई ढ़ांचा ही नहीं था। हालांकी कर्नल कोठियाल की योग्यता और उनके काम को लेकर किसी को संदेह नहीं है लेकिन आम आदमी पार्टी को लेकर लोगों के सवाल जरूर थे।

बिना सेना के कुछ नौसिखिया रंग रूट कार्यकर्ताओं के साथ कर्नल अजय कोठियाल जिस चुनावी युद्ध में कूदे उसमें जीतना आसान नहीं लग रहा था लेकिन उनका प्रदर्शन इतना खराब रहेगा यह भी लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
इसके साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल उत्तराखंड जनएकता पार्टी के केंद्रिय अध्यक्ष दिनेश धनै, उत्तराखंड क्रांती दल के केंद्रिय अध्यक्ष एवं दिग्गज उत्तराखंड आंदोलनकारी रहे काशी सिंह एरी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रिय अध्यक्ष पीसी तिवारी भी चुनाव में जीत का परचम लहराने में नाकाम रहे। उत्तराखंड क्रांती दल, उत्तराखंड जनएकता पार्टी, आम आदमी पार्टी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल पाई।

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