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चुनावों के दौरान मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का मुद्दा कांग्रेस के लिए बना मुसीबत ।

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श्रेष्ठन्यूज़ देहरादून उत्तराखंड संपादक वन्दना रावत।

देहरादून कांग्रेस के लिए मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा छाया रहा ।भाजपा ने इस मुद्दे को काफी प्रमुखता के साथ बनाया और इसका नाम भी उठाया। कांग्रेस की चुनाव में हार हुई तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस संबंध में यह बयान तक देना पड़ा कि उनके द्वारा मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर कभी कोई बयान नहीं दिया गया और ना ही कांग्रेस की ओर से इस संबंध में कोई विज्ञप्ति जारी की गई।

उधर इस संबंध में मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बयान को हवा देने वाले कांग्रेसी नेता एवं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद का बयान वायरल हो रहा है जिसे उन्होंने कहा है कि यदि कांग्रेस साथ नहीं देती है तो भी वह अपने दम पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना करेंगे।

अकील अहमद ने कहा कि वह हरिद्वार से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया। इसी दौरान उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी की अपनी मांग को पार्टी के आगे रखा लेकिन भाजपा ने इसे मुद्दा बना दिया और इस हरीश रावत से जोड़ते हुए राजनीति शुरू कर दी। अकील अहमद के अनुसार मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने में वे कांग्रेसी सहयोग मांगेंगे लेकिन यदि कांग्रेस सहयोग नहीं करती है तो भी वह मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नींव रखेंगे। उन्होंने कहा कि वह हरिद्वार से 2024 में लोकसभा का चुनाव भी लड़ने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि चुनावों के दौरान मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का मुद्दा कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया था। भाजपा ने भी इस मुद्दे को सीधा हरीश रावत से जोड़कर इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया जो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल होने लगा। बाद में इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को स्वयं सामने आना पड़ा और उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी मुस्लिम यूनिवर्सिटी की बात नहीं कही।

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