आशीष एवं गौरव ने एक दशक पूर्व कोचिंग संस्थान की नींव रखी थी, जिसका उद्देश्य केवल व्यवसायिक नहीं, बल्कि समाज के गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था। उनकी कोचिंग संस्था कक्षा 10 से लेकर 12वीं तक के छात्रों को शैक्षणिक मार्गदर्शन प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त वे NEET और JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की भी प्रभावशाली तैयारी करवाते है
विशेष बात यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए यह दोनों भाई निःशुल्क कोचिंग उपलब्ध करवा रहे हैं। शिक्षा के इस सेवा कार्य में उनकी धर्मपत्नी प्रिया थपलियाल और विदुषी थपलियाल भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रही हैं।
इनका सफर संघर्षपूर्ण रहा है। जब परिवार पर जिम्मेदारियों का बोझ आया, तब दोनों भाइयों ने अपनी नौकरियां छोड़कर शिक्षण कार्य को अपना मिशन बना लिया। उन्होंने स्वयं बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और आज उनकी संस्था से सैकड़ों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। वे घर-घर जाकर भी छात्रों को पढ़ाते हैं और शिक्षा का दीप जलाए हुए हैं।
डिजिटल युग का लाभ उठाते हुए उन्होंने Jwalpa Coaching Classes नामक एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है, जो कक्षा 10वीं, 12वीं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। महज़ 23 से 25 वर्ष की उम्र में जहाँ युवा वर्ग अपने भविष्य की तलाश में भटकता है, वहीं इन दोनों भाइयों ने समाज और शिक्षा के लिए जो योगदान दिया है, वह न केवल सराहनीय है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।