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बड़ी खबर: कांग्रेस के टिकट पर डोईवाला से चुनाव लड़ेंगे हरक सिंह रावत

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बड़ी खबर: कांग्रेस के टिकट पर डोईवाला से चुनाव लड़ेंगे हरक सिंह रावत

– बहु अनुकृति के लिए भी लैंसडाउन से टिकट ।
– 21 से पहले हो सकती है वापसी।
– उमेश शर्मा काऊ के साथ हरक दिल्ली में।
पहाड़ का सच , देहरादून।
यदि धामी सरकार के काबीना मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत की राह में कोई बड़ी अड़चन नहीं आई तो वे अगले दो चार रोज बाद वापस कांग्रेस में दिखेंगे।
डॉक्टर रावत रायपुर के विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने की दशा में उनके लिए डोईवाला और उनकी बहू अनुकृति के लिए लैंसडाउन से टिकट भी सुरक्षित समझा जा रहा है। भाजपा में कसैले रिश्तों के कारण डॉक्टर हरक सिंह सरकार चर्चाओं में रहे। त्रिवेंद्र रावत के मुख़्यमंत्री रहते हुए हरक सिंह रावत अक्सर ये कहते सुने गए कि उनके हाथ बांधे गए हैं, सतपाल महाराज भी यही शिकायत करते रहे।
 
हालांकि धामी सरकार में दोनों को अहम विभाग देकर संतुष्ट करने की कोशिश की गई। जैसा कि हरक सिंह रावत हर बार अपना चुनाव क्षेत्र बदलते हैं, इस बार भी उनकी कोशिश कोटद्वार को छोड़कर किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़ने की थी, जिनमें डोईवाला, यमकेश्वर , यमुनोत्री का नाम लिया जा रहा था। साथ ही उन्होंने पुत्रबधू के लिए लैंसडाउन से टिकट की डिमांड की, जो भाजपा ने स्वीकार नहीं की। यदि उनकी कांग्रेस में वापसी होती है तो सबसे बड़ी वजह यही होगी कि भाजपा ने न तो कोटद्वार छोड़ने की इजाजत दी और न लैंसडाउन से पुत्रबधू को टिकट देने की हामी भरी। सूत्रों की जानकारी है कि हरक सिंह रावत के साथ उमेश शर्मा भी दिल्ली में हैं और कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों की जानकारी है कि उन्हें कांग्रेस रायपुर विधानसभा सीट से टिकट दे सकती है।
 
दरअसल , कांग्रेस ने भले ही डोईवाला और रायपुर से पैनल में पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का नाम सबसे ऊपर रखा हो, लेकिन पार्टी उनकी जीत के प्रति आश्वस्त नहीं है। बताया जाता है कि पार्टी हीरा सिंह को रायपुर और परवादून के जिलाध्यक्ष गौरव चौधरी को डोईवाला से चुनाव लड़ाना चाहती है। चौधरी का अन्य दावेदार विरोध कर रहे हैं। चूंकि राज्य आंदोलनकारी व पूर्व राज्यमंत्री मनीष नागपाल भी अपना दावा मजबूत मानते हैं। मनीष को पूर्व मुख़्यमंत्री हरीश रावत का करीबी माना जाता है और वे पिछले 30 साल से कांग्रेस में हैं। जबकि गौरब चौधरी नेता व पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह के पसंदीदा बताए जाते हैं। हरक सिंह व उमेश शर्मा के कांग्रेस में आने के बाद इन सीटों पर चेहरे बदल जायेगें , ऐसा कहा जा रहा है।

 

 

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