देहरादून, 15 फरवरी। उत्तराखंड में इन दिनों बिजली बिल के लिए लगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर का मुद्दा छाया हुआ है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर प्रदेश में बवाल मचा हुआ है. एक तरफ जहां कांग्रेस स्मार्ट प्रीपेड मीटर का विरोध कर रही है तो वही दूसरी तरफ सरकार स्मार्ट प्रीपेड मीटर के फायदे गिनाने में लगी हुई है.
शनिवार 15 फरवरी को प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने स्मार्ट प्रीपेड मीटरको लेकर भी अपनी बात रखी.स्मार्ट प्रीपेड मीटरलगने की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत मंत्रिमंडल के सदस्यों और विधायकों के घर से होगी. प्रमुख सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर भारत सरकार के निर्देशन में लगाये जा रहे हैं और उत्तराखंड भी इसको तय लक्ष्य के अनुसार समय से उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंचाना चाहता है.
उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरको लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिनको समझना बेहद जरूरी है.प्रमुख सचिव ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरघरों में लगाने की शुरुआत हो चुकी है और सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्रिमंडल के अलावा विधायकों के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटरलगाए जाएंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि इससे भी पहले उन्होंने खुद अपने घर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटरलगवाया है. साथ ही उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी कर्मचारियों के घरों पर भी स्मार्ट प्रीपेड मीटरलगाए जा रहे हैं.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के जरिए उपभोक्ता अपने मोबाइल पर हर पल प्रयोग होने वाली बिजली की जानकारी ले सकता है. स्मार्ट प्रीपेड मीटरलगने के बाद गलत बिल आने की शिकायतें पूरी तरह खत्म हो जाएगी. इसी तरह बिजली कंजप्शन को लेकर भी उपभोक्ता खुद से निगरानी कर सकता है.