Advertisement Section

उत्तराखंड सरकार ने यह परीक्षा यू के एस.एस.एस.सी से कराने का निर्णय लिया

Read Time:5 Minute, 39 Second

देहरादून: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारत सरकार द्वारा 22 सितम्बर 2023 से लागू नये उपभोक्ता नियमों के अनुसार उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष, सदस्य बनने के लिये अब उपभोक्ता कानूनों की लिखित परीक्षा देनी होगी। उत्तराखंड सरकार ने यह परीक्षा यू के एस.एस.एस.सी से कराने का निर्णय लिया है। काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के लोक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड के राज्य व जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष व सदस्यों के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में विभाग के लोक सूचना अधिकारी/अनुसचिव राजेश कुमार ने अपने पत्रांक 05 के साथ उत्तराखंड उच्च न्यायालय में इस सम्बन्ध में लम्बित जनहित याचिका संख्या 215/2023 के सम्बन्ध में सरकार का पक्ष रखने के लिये अपर महाधिवक्ता को प्रेषित पत्र की फोटो प्रति उपलब्ध करायी है। इसमें राज्य व जिलों के उपभोक्ता आयोगों (पूर्व जिला उपभोेक्ता फोरमों) के अध्यक्ष व सदस्यों के लिये लिखित परीक्षा कराने की कार्यवाही शुरू करने तथा इसके लिये उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यू.के.एस.एस..सी) को परीक्षा कराने के लिये निर्णय करने से अवगत कराया गया है। सूचना में यह भी उल्लेखित है कि उ0प्र0 में लखनऊ विधि विश्वविद्यालय तथा महाराष्ट्र में इंस्टीट्यूट आॅफ बैकिंग पर्सनल सलैक्शन द्वारा परीक्षा करायी जा रही है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के मधु लियमे भास्कर केस में मार्च 2023 में दिये गये आदेशों के अनुपालन में सितम्बर 2023 में उपभोक्ता नियमावली के नियम 9 में संशोधन के अनुसार राज्य व जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों का चयन चयन समिति दो पेपरों वाली लिखित परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर करेगी जिसमें प्रत्येक पेपर में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होगी और 50 अंकों की मौखिक परीक्षा होगी। दूसरे पेपर में व्यापार, वाणिज्य, आॅफ उपभोक्ता संबंधी मुद्दों पर निबंध तथा उपभोक्ता मामलों के संबंध में एक मामला अध्ययन शामिल है।

श्री नदीम ने बताया कि नियमों के अनुसार लिखित परीक्षा में 100-100 अंकों के दो पेपर होंगे जिसमें दो घंटे का एक पेपर ओबजेक्टिव तथा दूसरा तीन घंटे का वर्णनात्मक प्रकार का होगा। पेपर 1 में सामान्य ज्ञान, भारत के संविधान का ज्ञान तथा 10 उपभोक्ता सम्बन्धी कानूनों के ज्ञान को जांचने की परीक्षा होगी। इन 10 उपभोक्ता कानून में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, विधि माप विज्ञान, बी.आई.एस.एक्ट, कम्प्टीशन एक्ट, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, ड्रग्स एवं कास्मेटिक्स एक्ट, सेल गुड्स एक्ट, रेरा एक्ट, इलैक्ट्रिसिटी एक्ट तथा इंश्योरेंस एक्ट शामिल है।
श्री नदीम ने बताया कि राज्य आयोग के अध्यक्ष के लिये उच्च न्यायालय का जज होना, या रहे होना या इसके योग्य होगा तथा राज्य आयोग के न्यायिक सदस्यों तथा जिला आयोगों के अध्यक्षों के लिये जिला न्यायालय का न्यायाधीश होना, रहे होना या योग्य होना आवश्यक है जबकि सदस्यों के लिये स्नातक के साथ उपभोक्ता मामले, विधि, लोक , प्रशासन, अर्थशास्त्र, वाणिज्य उद्योग, वित्त प्रबंधन अभियांत्रिकी की, प्रौद्योगिकी, लोेक स्वास्थ्य अथवा औषधि में विशेष ज्ञान और कम से कम दस वर्ष का अनुभव आवश्यक है। राज्य आयोग के सदस्यों के लिये 40 वर्ष की न्यूनतम आयु तथा जिला आयोग के सदस्यों के लिये 35 वर्ष की न्यूनतम आयु आवश्यक है।
जिला न्यायालय के न्यायाधीशों तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को भी लिखित व मौखिक परीक्षा से छूट नहीं दी गयी है। इसलिये नियमावली के अनुसार अध्यक्ष व सदस्य बनने के लिये उन्हें भी लिखित व मौखिक परीक्षा पास करनी होगी।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Previous post विधानसभा में जल्द विधेयक लाकर प्रदेश में यूसीसी लागू करेगी सरकार
Next post मुख्यमंत्री ने जी.जी.आई.सी कौलागढ़ में विद्यार्थियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘परीक्षा पर चर्चा 2024’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।